दुकानदारी बढाने के उपाय, जानिए

दुकानदारी बढाने के उपाय

दुकान में बरकत के उपाय

 
प्राय यह देखा गया है कि कुछ दुकानों की तरफ ग्राहक नजर उठाकर भी नहीं देखते लेकिन कहीं-कहीं ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है । आपने कभी सोचा है, आखिर ऐसा क्यों होता है ? व्यापार में सफलता और असफलता मुख्य रूप से कुछ बातों पर निर्भर करती है, जिसमें दुकानदार का भाग्य, उसकी अच्छी बुरी ग्रह-दशा तथा दुकान की वास्तु व्यवस्था जिम्मेदार होती है । वास्तु के कुछ नियमों को ध्यान में रखकर व्यापार में वृद्धि संभव है ।

वास्तु द्वारा दुकानदारी बढाने के उपाय

 
● दुकान में जिस चीज (वस्तु) की बिक्री नहीं हो, उसे हमेशा वायव्य कोण (उत्तर एवं पश्चिम के मध्य की दिशा) में रखना चाहिए ।

● सजावट के लिए कांटे वाले पेड़-पौधे जैसे कैक्टस बोनसाई अदि नहीं लगाए, इससे बरकत नहीं होती है ।

● ऑफिस अथवा दुकान में हमेशा ताजे कांटे रहित फूल रखें ताकि सकारात्मक ऊर्जा से दुकान में समृद्धि बनी रहे ।

● दुकान में डूबते हुए जहाज की तस्वीर कभी न लगाएं । इससे व्यापार डूब सकता है ।

● अगर दुकान में मन नहीं लगता, गल्ले में बरकत नहीं होती, आय होती है, पर बचत नहीं होती, तो हर दिन श्री सूक्त का पाठ अथवा लक्ष्मी सहस्रनाम का पाठ करें । गल्ले में लाल कपड़ा बिछाकर श्री यंत्र, महालक्ष्मी तथा कुबेर यंत्र तीनों को शुभ मुहूर्त में स्थापित करे ।

● यदि आप का व्यापार मंदा चल रहा है, तो दक्षिण दिशा की चारदीवारी के मुंडेर पर ईटों की चिनाई करा कर उसे ऊंचा करवा दें । व्यापार में तेजी आएगी ।

● व्यापार में लाभ, वृद्धि एवं समृद्धि हेतु संस्थान एवं प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार के दोनों ओर गणेश जी की मूर्ति इस प्रकार लगाएं कि एक की नजर दुकान के अंदर पड़े, तो दूसरे की नजर बाहर की ओर पड़े ।

● प्रतिदिन दुकान एवं प्रतिष्ठान की सफाई करते वक्त पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर पहुंचा लगाएं । नमक मिला पानी नकारात्मक उर्जा को दुकान से दूर करने में सहायक होता है ।

● सुबह दुकान का ताला खोलने से पहले मुख्य द्वार को स्पर्श कर नमन करें । रात्रि में ताला लगाते समय भी यही प्रक्रिया दोहराएं । ऐसा करने से व्यवसाय में स्थायित्व तो आता ही है, साथ ही बुरी नजर से रक्षा भी होती है ।

● कभी भी दुकान की साफ सफाई करने वाले सामान जैसे झाड़ू आदि को तिजोरी से सटाकर नहीं रखें । झाड़ू राहु का प्रतीक है । इसे तिजोरी से सटाकर रखने से धन घटता है और व्यापार में हानि भी होती है ।

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